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चेतन मन- जब हम कोई कार्य सक्रिय अवस्था में रहकर करते है तब उसे हम चेतन मन कहते हैं। याने हमारा माइंड उस समय पूरी तरह एक्टिव होता है। चेतन मन को हम एक्टिव माइंड भी कह सकते हैं। जब हम कोई कार्य को पहली बार सीखते या करने की कोशिश करते है तो उस समय हमारा मन पूरी तरह चेतन अवस्था में होता है या पूरी तरह एक्टिव होता है। हमारा पूरा ध्यान उस कार्य के प्रति हो जाता है। यही चेतन मन हैं।

अचेतन मन- यह मन का लगभग 90% हिस्सा है जिसके कार्य के बारे में व्यक्ति को जानकारी नहीं रहती। यह मन की स्वस्थ एवं अस्वस्थ क्रियाओं पर प्रभाव डालता है। इसका बोध व्यक्ति को आने वाले सपनो से हो सकता हैं।

अवचेतन मन - जब हम कोई का

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दुनिया में दिखाई देने वाली हर चीज़, हर वस्तु के तीन आयाम होते हैं। यह तीन आयाम हैं - लंबाई, चौड़ाई और गहराई। हमारा मन भी त्रिआयामी है। हमारे मन के तीन आयाम चेतन, अचेतन और अवचेतन हैं। मन की संरचना भी किसी भौतिक पदार्थ की भांति ही है बस फर्क इतना है कि मन सूक्ष्म होता है इसलिए दिखाई नहीं देता है जबकि भौतिक पदार्थ स्थूल होते हैं इसलिए दिखाई पड़ते हैं।

हमारा सामान्य जीवन क्रम मन की चेतन अवस्था से संबंधित होता है। हमारी दिनचर्या से जुड़े सभी कार्य चेतन मन से संचालित होते हैं। हमारी नींद व सपनों का संबंध अचेतन मन से है जब हम सो जाते हैं तब हमारा अचेतन मन जाग्रत रहता है। मन का अवचेतन स्तर अत्यधिक सूक्

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इस प्रश्न का एक सीधा सादा जवाब लिखने का मन हुआ -

चेतन मन - जो आप अभी हो सवाल पढ़ रहे हो उसका ही उपयोग कर रहे हो

अचेतन - जब आप सो रहे होते हो बिलकुल गहरी नींद में जब कोई सपना भी नहीं आ रहा हो जैसे के आप जब बहुत मेहनत करके गहरी नींद लेते हो तब शरीर उसी का उपयोग कर रहा होता है।

अवचेतन - जब आपकी नींद थोड़ी कच्ची हो जाती है और आप सपने देखते हो तब अवचेतन का उपयोग कर रहे होते हो

विज्ञानं इन अवस्थाओं को अलग अलग मन की तरह देखता है लेकिन ये सब अलग अलग अवस्थाये है न की दिमाक के अलग अलग पुर्जे |

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हमारे माइंड के तीन अलग अलग प्रकार होते है-

  • कॉन्सियस माइंड (Conscious Mind)- चेतन मन
  • सबकॉन्सियस माइंड (Sub-Conscious Mind) - अवचेतन मन
  • अन्न-कॉन्सियस माइंड (Un-Conscious Mind) - बेहोश या बेसुध मन

इन तीनों में सबसे ज्यादा पावरफुल सबकॉन्सियस माइंड होता है। सबकॉन्सियस माइंड का पूर्ण इस्तेमाल आजतक कोई नहीं कर पाया है। जितने भी कामयाब लोग गुजरे है या अभी जीवित है वो सभी लोग आम लोगों से ज्यादा अपने सबकॉन्सियस माइंड का इस्तेमाल करते है। इसीलिए वो कामयाबी की बुलंदियों तक पहुँचते है।

हम अपने माइंड के इन अलग अलग प्रकार को आइस-बर्ग के एक उदहारण से समझ सकते है -

समुन्द्र में पानी पर तैरती बड़ी बर्फ की चट्टान को आइ

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मानव शरीर में ये दो में होते है ।चेतन मन जाग्रत अवस्था में कार्यरत होता है।जबकि अवचेतन मन चेतन मन की अनुपस्थिति में कार्यरत होता है।चेतन मन के पर तर्क शक्ति है।जबकि अवचेतन मन के पास तर्क शक्ति नहीं होती है।मानव शरीर में चेतन मन की शक्ति १० प्रतिशत होती है और अवचेतन मन की शक्ति ९० प्रतिशत होती है।परन्तु चेतन मन के पास तर्क शक्ति होने से अधिक प्रभावशाली होता है।अधिकांश मनुष्य चेतन मन के १० प्रतिशत से काफी हिस्सा ही अपने जीवन में उपयोग काटा पाते है।अवचेतन मन अत्यंत शक्तिशाली है।अवचेतन मन की विराट संभावनाएं है अगर ऐसे आप सही तरीके से उपयोग कर सके तो।में कि असीम शक्ति का भंडार है अवचेतन मन।लेकर बावजूद चेतन मन की सहायता से ही अवचेतन मन पर अधिकार किया जाता।है।

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मन को तीन भागों में बांटा जा सकता है-

  1. चेतन मन (Conscious Mind)
  2. अवचेतन मन (Subconscious Mind)
  3. अचेतन मन या बेहोश मन (Unconscioys Mind)

हम तीनों के बारे में थोड़ा- थोड़ा उदाहरण के साथ जान लेते हैं -

चेतन मन (Conscious Mind)

चेतन मन हमारा सक्रिय दिमाग (Active Mind) होता है जिसे हम हमारी सक्रीय अवस्था कहते है जिससे हम हमारे सोच विचार तर्क से कोई भी निर्णय लेते है कार्य करते है।

जैसे उदाहरण के लिए - हम पहली बार ड्राइविंग सीखते है तो हमारा पूरा ध्यान हमारे कार पर ही होता है।इस तरह हमारा चेतन मन काम करता है,जो कुछ हमारे साथ हो रहा है,जो हम अभी देख रहे है,महसूस कर रहे है ये सब चेतन मन के उदाहरण है।

अवचेतन मन (Sub-Conscious Mind)-

कुछ समय बाद काफी अभ्यास कर लेने पर जब हम कार चलाते है तब कार चलाते-चलाते फोन पर बाते करना,गाना सुनाना ये सब क्रियाए एक साथ बिना झिझक के करते है,क्यों की ये सब क्रियाएं हमारे अवचेतन मन से होती है।
हमारा चेतन मन जिस किसी भी बात को जान लेता है जिस बात पे विश्वास कर लेता है चाहे फिर वो बात अच्छी हो या बुरी आप का अवचेतन मन उसे हकीकत में ढल लेता है।

अवचेतन मन सोच विचार तर्क नहीं कर सकता। हमारी समझ हमारी मान्यता का सीधा असर अवचेतन मन पे होता है, हमारी सफलता हमारे असफलता का सीधा जुड़ाव अवचेतन मन से ही है
अवचेतन मन एक बच्चे के मन के जैसा होता जिस रूप में आप उसे ढल देंगे वो उसी रूप में बन जायेगा।

इस तरह हमारा अवचेतन मन एक Autopilotsystem की तरह काम करता है, ये एक program की तरह है, पर इसकी Operating हमारे चेतन मन(conscious mind) द्वारा होती है।

अचेतन मन (Unconscious Mind) -

अचेतन मन में ऐसी प्रक्रियाएँ होती हैं जो स्वतः घटित होती हैं और आत्मनिरीक्षण के लिए उपलब्ध नहीं होती हैं, और इसमें विचार प्रक्रियाएँ, यादें, रुचियाँ और प्रेरणाएँ शामिल होती हैं।

इस प्रकार अचेतन मन को सपने और स्वचालित विचारों के स्रोत के रूप में देखा जा सकता है (जो बिना किसी स्पष्ट कारण के दिखाई देते हैं), भूली हुई यादों का भंडार (जो बाद के समय में चेतना के लिए सुलभ हो सकता है)।

जवाब के अनुरोध के लिए A soul जी आपका शुक्रिया।

चित्र स्रोत - गूगल।

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आपने बहुत अच्छा सवाल किया है । मुझे जबाव देने में बहुत खुशी हो रही है। मुझे यह ज्ञान

हमारा मन दो भागों में Divide है, Conscious Mind and Subconscious Mind तो आइये हम जानते हैं Power of Conscious Subconscious Mind By Joseph Murphy.

Mind हमारी Body का सबसे Powerful हिस्सा है, हमारे Body की Power से कही ज्यादा Power हमारे Mind की होती है, चाहें वो Businessman हो, कोई Politician हो या अन्य कोई Successful व्यक्ति, अच्छा व्यक्ति या कोई बुरा व्यक्ति।

मनोव्याज्ञानिकों (Psychologists) का मानना है कि हमारे Mind को दो Parts में बांटा गया है –

1 चेतन मन (Conscious Mind)

2 अवचेतन मन (Subconscious Mind)

चेतन मन प

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अवचेतन मन सदैव चेतन मन के नीचे(अव) होता है और दोनों एकदूसरे को स्पर्श भी करते हैं

चेतन मन के थकने/सोने पर या नशे में या घोर संकट में अवचेतन मन जागृत/कार्यरत होता है

इस प्रश्न का उत्तर देना बहुत कठिन है और यहाँ पर कई लोगो ने सटीक उत्तर भी लिखा हुआ है लेकिन में यहाँ उन लोगो के लिए उत्तर दे रहा हु जिनको बाकि के उत्तर समझ ना आये हो मेरा उत्तर सीधा सरल है कोई भी समझ जायेगा

चेतन व अवचेतन मन क्या हैं

मन की अवस्थाये

चेतन - जाग्रत अवस्था - जब आप जग रहे होते है तब यही अवस्था होती है

अवचेतन - सुप्तावस्ता - जब आप सो रहे होते है तब यही अवस्था होती है

यह कैसे काम करते हैं?

अवस्थाये परिवर्तन के द्वारा

आपको निद्रा अवस्था आती है तो अवचेतन कार्य करता है

जब आपको जागने की अवस्था आती है तो चेतन मन कार्य कर रहा होता है

इससे सरल और सीधा जवाब नहीं हो सकता

यह निणर्य लेने और चुनने (रूचि) का काम करता है। जैसे आप किस पुस्तिका को पढ़ते हैं और प्रेज़न्टेशन (प्रस्तुतीकरण) को सुनते हैं, तो यह आपका चेतन मन है जो सारी जानकारियों को आत्मसात् (ग्रहण) कर रहा है। यह आपको, आपके आसपास की चीजों के बारे मे संजग करता है।

मन के तीन रूप माने गए हैं चेतन, अवचेतन और अचेतन परंतु मन की संख्या इतने तक ही सीमित नहीं है कई बार एक ही मन हजारों

बन जाते हैं। कैसे और कब बनता है मन, एक से अनेक, जब कुछ हम सोचते हैं या किसी से बात करते हैं ।तब हमारा एक ही मन सक्रिय रहता है। यहां तक कि जब हम निर्णय लेने के लिए द्वन्द की स्थिति में रहते हैं। हालांकि तब भी हमें डर लगता है कि हमारे दो मन हो गए हैं। जिसमें से एक हां कर रहा है ,तो दूसरा ना कर रहा है ,लेकिन यहां मन एक ही होता है बस वही मन दो रूप में हो जाता है विभाजित हो जाता है।

चेतन मन वह है जिसे हम जानते हैं। जिसके आधार पर अपने सारे काम करते हैं या हमारे मन की जागृत अवस्था होती है

फुटनोट

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अवचेतन मन की शक्ति और " हमारे " बीच में " हमारा " दिमाग (चेतन मन) बाधक,

दीवार के रूप में होता है, मनोकामना और इच्छापूर्ति के लिए हमें इस बाधक दीवार(दिमाग की दिवार) को स्वयं तोड़ना होता है, आपको सबसे पहले अपने आपको 100% ये यकीन दिलाना पड़ेगा कि जिस चीज को आप प्राप्त करना चाह रहे हैं वह आपको निश्चित प्राप्त होगी। तब कहीं जाकर यह संदेश आपके अवचेतन मन तक पहुंचाएगा और अवचेतन मन आपकी सारी जरूरतें इच्छाएं मनोकामनाएं पूर्ण करता है। मुझे यह जानकारी प्रयागराज से प्रकाशित ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय की पत्रिका ग्रह नक्षत्र टाइम में पढ़ने को मिली है, ज्योतिष शास्त्र सीखने के दौरान मैंने सीखा है कि कैसे च

सरलता की दृष्टि से कहा जाय तो जो रैम है वह चेतन मन है और जो हार्डडिस्क पर रिकार्ड हो गया है जिसको निकालने के लिए थोड़ी मेहनत करनी होगी, वह अवचेतन मन।

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जी निसन्देह बहुत शक्तिशाली है आपका जागृत मन केवल 5–7 % ही होता है तो बाकी का सब अवचेतन है तो ताकतवर तो होगा ही मेरी माता जी को सांपों से बहुत डर लगता है इतना डर की साँप टीवी में भी देख के चिल्लाना शुरू कर देंगी अब जाग्रत मन को पता है कि टीवी का सांप कुछ नहीं बिगाड़ सकता लेकिन ये भय उस 95% अवचेतन से आता है और 95 के आगे 5 हार जाता है आपकी सभी आदतें अवचेतन मन से ही आती हैं अब इस बात की बहुत सम्भावना है कि मेरी माता जी का सांपों के भय उनके पिछले जन्म से आया है जिसकी सारी जानकारी उनके अवचेतन मन में छिपी हुई है कुछ बड़े ही साधारण तरीकों से आप अपनी बात अवचेतन तक पहुंचा सकते हैं।

एक तो आप खुद में जो भी ब

1 जवाब छुपाया गया है
 
(क्यों?)

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